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मक्का की खेती का प्रॉपर तरीका

मक्का की खेती का प्रॉपर तरीका

1. मिट्टी और खेत की तैयारी

  • मक्का की खेती दोमट या हल्की काली मिट्टी में सबसे अच्छी होती है।

  • मिट्टी का pH 6.5 – 7.5 होना चाहिए।

  • खेत को 2-3 बार गहरी जुताई कर के भुरभुरी बना लें।

  • अंतिम जुताई में 10-12 टन गोबर की खाद (FYM) डालें।


2. मौसम और बुवाई का समय

मक्का साल में 3 सीजन में बोया जा सकता है:

  1. खरीफ (बरसात) – जून से जुलाई (सबसे मुख्य फसल, बारिश पर निर्भर)।

  2. रबी (सर्दी) – अक्टूबर से नवंबर।

  3. जायद (गर्मी) – फरवरी से मार्च।

👉 खरीफ में पैदावार ज्यादा मिलती है क्योंकि बारिश प्राकृतिक सिंचाई करती है।


3. बीज का चुनाव और बुवाई

  • हाइब्रिड बीज ज्यादा उत्पादन देते हैं। जैसे: HQPM-1, HQPM-5, Vivek QPM-9, Ganga-5, Deccan Hybrid

  • बीज दर:

    • सिंचित क्षेत्र में 18-20 किलो/हेक्टेयर

    • असिंचित क्षेत्र में 20-25 किलो/हेक्टेयर

  • बीज को बुवाई से पहले Fungicide (Captan या Thiram 2.5g प्रति किलो बीज) से उपचारित करें।

  • कतार से कतार की दूरी – 60-70 सेमी

  • पौधे से पौधे की दूरी – 20-25 सेमी


4. खाद और उर्वरक प्रबंधन

  • नाइट्रोजन (N) – 150 किग्रा/हेक्टेयर

  • फॉस्फोरस (P) – 60 किग्रा/हेक्टेयर

  • पोटाश (K) – 40 किग्रा/हेक्टेयर

👉 देने का तरीका:

  • बुवाई के समय DAP + Potash + 1/3 Nitrogen

  • 30-35 दिन बाद शेष 2/3 Nitrogen टॉप ड्रेसिंग में।


5. सिंचाई

  • खरीफ में कम जरूरत (बारिश से पानी मिल जाता है)।

  • रबी और जायद में 5-6 सिंचाई जरूरी।

  • मुख्य समय – बुवाई के बाद, घुटना अवस्था (knee stage), फूल आने पर और दाना भरने पर।


6. खरपतवार नियंत्रण

  • बुवाई के तुरंत बाद Atrazine 50% WP @ 1-1.5 किलो/हेक्टेयर छिड़काव करें।

  • 20-25 दिन बाद निंदाई-गुड़ाई कर दें।


7. मक्का फसल की प्रमुख बीमारियाँ व दवाई

(क) तना छेदक (Stem Borer)

  • लक्षण: पत्तों में सुराख और तना खोखला हो जाता है।

  • नियंत्रण:

    • Carbofuran 3G @ 15-20 किलो/हेक्टेयर बुवाई के समय।

    • या Chlorantraniliprole (Coragen) 150 ml/हेक्टेयर छिड़काव।

(ख) पत्ती झुलसा (Leaf Blight)

  • लक्षण: पत्तियों पर भूरे-पीले धब्बे।

  • दवा: Mancozeb 75% WP @ 2.5g/L पानी छिड़कें।

(ग) फॉल आर्मी वर्म (Fall Armyworm) – बहुत खतरनाक

  • लक्षण: पत्तियाँ कटी-फटी और पौधा नष्ट।

  • दवा:

    • Emamectin Benzoate 5% SG @ 0.4g/L पानी

    • या Spinosad 45% SC @ 0.3 ml/L पानी

(घ) जड़ गलन / भूरे धब्बे

  • बीज उपचार: Thiram या Carbendazim 2-3 g/kg बीज

  • फसल में: Metalaxyl + Mancozeb @ 2g/L पानी


8. फसल की कटाई और उत्पादन

  • दाने पकने पर पत्तियाँ सूख जाएँ और दाना सख्त हो जाए तब कटाई करें।

  • उपज:

    • देसी किस्म – 25-30 क्विंटल/हेक्टेयर

    • हाइब्रिड किस्म – 50-70 क्विंटल/हेक्टेयर


📌 छोटा से बड़ा स्ट्रक्चर (सारांश)

  1. खेत की तैयारी – जुताई + गोबर खाद

  2. बीज चुनाव – हाइब्रिड + बीज उपचार

  3. बुवाई का समय – खरीफ, रबी, जायद

  4. खाद – NPK संतुलित मात्रा

  5. सिंचाई – विशेष अवस्था पर

  6. खरपतवार – Atrazine + निंदाई

  7. दवाई

    • तना छेदक → Coragen/Carbofuran

    • पत्ती झुलसा → Mancozeb

    • आर्मी वर्म → Emamectin / Spinosad

    • जड़ गलन → Metalaxyl + Mancozeb

  8. कटाई – दाना सख्त होने पर

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